कोई उम्मीद बर नहीं आती
नयी करेंसी नज़र नहीं आती
हम वहाँ हैं जहाँ से कैशियर को भी
लाइन हमारी नज़र नहीं आती
आगे आती थी खाली जेब पर हँसी
अब किसी बात पर नहीं आती
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई उम्मीद बर नहीं आती
नयी करेंसी नज़र नहीं आती
हम वहाँ हैं जहाँ से कैशियर को भी
लाइन हमारी नज़र नहीं आती
आगे आती थी खाली जेब पर हँसी
अब किसी बात पर नहीं आती