तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!
नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए…
ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!
दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं
पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?
खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर…
मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!
मैं पसंद तो बहुत हूँ सबको,पर…
जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!
सच ये है पहले जैसी वो चाहत नहीं रही…
लहजा बता रहा है मोहब्बत नहीं रही..
सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं…
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं..
शायरी उसी के लबों पर सजती है
मेरे दोस्त…..
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हैं ..!!!
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है,
अपने जी में हम ने ठानी और है…
मैंने उन तमाम परिदों के पर काट दिए…
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था कभी|