इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है….
जब दो शायरों को एक दुसरे से प्यार हो जाता है|
Tag: शर्म शायरी
शिकवा तकदीर का
शिकवा तकदीर का, ना शिकायत अच्छी,
वो जिस हाल में रखे, वही ज़िंदगी अच्छी
मैं रुठा जो
मैं रुठा जो तुमसे तुमने हमें मनाया भी नहीं ,
अपनी मोहब्बत का कुछ हक जताया भी नहीं !!
मुहब्बत से तौबा तो कर
मुहब्बत से तौबा तो
कर चुके हैं मगर
थोडा जहर ला के दे दो आज
तबियत उदास है|
जिस से मोहब्बत की
जिस से मोहब्बत की जाए
उस से मुक़ाबला नही किया जाता.
हमारी शायरी पढ़ कर
हमारी शायरी पढ़ कर बस इतना सा बोले वो कलम छीन लो इनसे .. ये लफ्ज़ दिल चीर देते है …..
आये हो आँखों में
आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ,
एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में.
तुम अगर चाहो तो
तुम अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी..
कुछ हक़ दिए नही जाते ले लिए जाते है …
कोशिश तो होती है
कोशिश तो होती है की तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँ,
पर डर लगता है की तू ख्वाहिश में मुझसे जुदाई ना माँग ले !!
सच्चा प्यार सिर्फ
सच्चा प्यार सिर्फ वो लोग कर सकते है,
जो किसीका प्यार पाने के लिए तरस चुके हो !!