सब्र रखो तुम जल्द ही एहसास होगा तुमको।
मेरा होना क्या था न होना क्या है।।
Tag: शर्म शायरी
किसीके दिल में नहीं धड़कते
क्या हुआ जो हम किसीके दिल में नहीं धड़कते,
आँखों में तो कईयों की खटकते है !!
उसे बेवफा कहकर..
उसे बेवफा कहकर..हम अपनी ही नजरो में गिर जाते..क्यूंकि वो प्यार भी अपना था..और पसंद भी अपनी..
पोंछ लो अपने बहते हुए
पोंछ लो अपने बहते हुए आँसुओ को ऐ दोस्त..भला
कौन रहना पँसद करता है, टपकते हुए मकानो मे.!!
ना थी मेरी तमन्ना
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन,
मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती हैं…।।
खेलना अच्छा नहीं
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से…
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से…
बडे लोगों से
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजहां दरिया समन्दर से मिला,,,, दरिया नहीं रहता|
गम बिछड़ने का नहीं
गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश
वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं|
मुसीबतों से निखरती हैं
मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों…….
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….
मत कूदो उस समंदर मे
मत कूदो उस समंदर मे जिसका कोई साहिल ना हो
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आज हम तुम्हारे काबिल नही शायद कल तुम हमारे काबिल ना हो