कबड्डी पूरी तरह से भारतीय खेल है।
कैसे?
इसमें सब लोग एक साथ मिलकर एक ऐसे आदमी को
नीचे गिराने में लगे रहते हैं, जो बेचारा कुछ करने आगे
आया है।
Tag: शर्म शायरी
मुझे
मुझे
कहना है अभी
वह
शब्द
जिसे कहकर
निःशब्द को जाऊँ
मुझे
देना है अभी
वह सब
जिसे देकर
निःशेष हो
जाऊँ
मुझे
रहना है अभी
इस तरह
कि मैं रहूँ
लेकिन
‘मैं’ रह न जाऊँ I
तन्हाई लिखते समय
तन्हाई’ लिखते समय तुम मेरे सबसे पास थी
देना हो साथ तो
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त
लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।
ना जिकर करो मेरी
ना जिकर करो मेरी अदा के बारे मे,
हम भी जानते है सब कुछ वफा के बारे मे,
सुना है वो भी मोहब्बत का शौक रखते है,
जिन्हे खबर ही नही कुछ वफा के बारे मे …
बिन देखे तेरी तस्वीर
बिन देखे तेरी तस्वीर बना सकते हैं बिन मिले
तेरा हाल बना सकते है
हमारे प्यार में इतना दम है
की तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं
कुछ अलग सा है
कुछ अलग सा है अपनी मौहबत का हाल…
तेरी चुपी और मेरा सवाल ….!!!!
ना ऑंखें बोल पाती हैं
ना ऑंखें बोल पाती हैं, ना लफ़्ज़ों का लहू निकले है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले..!!
Log pehchan lete hai
Log pehchan lete hai tere naam se ab mujhko.
Kabhi aake ek nazar to dekhle mujhko..
Mohabat Kisi Aisay
Mohabat Kisi Aisay Shakhs Ki Talash Nahi
Jis K Sath Raha Jaye…
Mohabat To Aisay Shakhs Ki Talash Hai
Jis K Baghair Na Raha Jaye..