फ्री में हम किसी को ‘गाली’ तक नहीं देते…,,,
‘स्माइल’ तो बहुत दूर की बात हैं…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फ्री में हम किसी को ‘गाली’ तक नहीं देते…,,,
‘स्माइल’ तो बहुत दूर की बात हैं…!!!
उसने मेरे हाथ की लकीरें देखी और फिर हँस कर कहा….
तुझे ज़िन्दगी में सब कुछ मिलेगा एक मेरे सिवा….
पूरी दुनिया नफ़रतों में जल रही है..
इसीलिए इस बार ठण्ड कम लग रही है।
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..
मेरी समझदारियोँ ने मेरी मासूमियत को मार ङाला…
–
तुझे अब भी शिकायत है कि मैँ तुझे समझता नहीँ…!!!
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए…
दुनिया तो भगवान से भी दुखी है |
बीतता वक़्त है
लेकिन,
खर्च हम हो जाते हैं ।
जौर तो ऐ ‘जोश’ आखिर जौर था,
लुत्फ भी उनका सितम ढाता रहा।
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!