मेरे शब्दो को इतनी शिद्दत से ना पढा करो,
कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे !!
Tag: शर्म शायरी
एक पल में
एक पल में ले गयी मेरे सारे गम खरीद कर…
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब की…
बोल दिया होता..
बोल दिया होता…
तुम्हे दर्द देना है ऐ जिंदगी,
मोहब्बत को बीच में लाने की
क्या जरुरत थी . . . ?
आज भी नहीं
आज भी नहीं बदली है वो आदत मेरी,
तेरी याद मैं रोटियाँ आज भी जला देती हूँ।।
ख़त में मेरे ही
ख़त में मेरे ही ख़त के टुकड़े थे….. और मैं समझ गया के मेरे ख़त का जवाब आया है
बहुत ही सिद्दत से
बहुत ही सिद्दत से छोड देंगे तुमको,
हम इधर आखिरी सांस लेगे और तुम आजाद।।
कुछ रिश्तों के
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते,
इसलिए लोग उसे बदनाम कर देते हैं।।
अज़ब माहौल है
अज़ब माहौल है मेरे ‘मुल्क’ का,
मज़हब थोपा जाता है,’इश्क’ रोका जाता है।।
समझा दो अपनी यादों को
समझा दो अपनी यादों को तुम ज़रा…
दिन-रात तंग करती हैं कर्ज़दार की तरह….
मैं अपने दिल को
मैं अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ
कि किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता..