हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है,
तुझे चाहा इसलिए था की शायद तेरी फितरत बदल जाये..
Tag: शर्म शायरी
तनहाई गवाह है
हो जो मुमकिन तो मुझे अपना बना लो तुम,
मेरी तनहाई गवाह है मेरा अपना कोई नही ।
हदों से गुजर गया
सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया..
ना मेरा प्यार कम हुआ
ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत ,
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये
दिल की ख्वाहिश
दिल की ख्वाहिश बस
इतनी सी है मेरी,
तुमसे मुलाकात हो,अंजाम कुछ भी हो…,!!
गुस्ताखी कि सजा
इस गुस्ताखी कि सजा क्या होगी ???
अगर हम कह दे कि हम तुम पर मरते है l
दिल पर कब्ज़ा
धड़कनो को भी रास्ता दे दीजिये जनाब।
आप तो सारे दिल पर कब्ज़ा किये बैठे है।।
कई लोगो से
कई लोगो से सुने थे मोहब्बत के किस्से..
खुद कर ली तो जाना ये बदनाम क्यूँ है..
मेरे दिल से
मेरे दिल से खेल तो रहे हो पर जरा सम्हल के…
टूटा हुआ है… कहीं लग ना जाए..
बदलाव किसे कहते हैं
कोई मुझसे पूछ बैठा “बदलाव किसे कहते हैं” मैं सोच मे पड गया किसकी मिसाल दूं, मौसम की या अपनो की।