कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है….
सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है….
सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है….!
अगर प्यार करती हो तो आ सामने,,
यु छीप छीप कर स्टेटस पढने का मतलब क्या हैं?
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..!
वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है….!!
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे….
इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा एहसास की एहमियत होती है।
बस मे होता गर हाल ए दिल बयाँ करना
तो कसम से
हम आईने को भी रुला देते…
मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जुर्म में….
जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी.
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
शब्दों की प्यास किसे है
मुझे तो तुम्हारी खामोंशियों से इश्क है,,,