लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है.!!!
Tag: व्यंग्य
भूल जाना मुझे पर
भूल जाना मुझे पर ये याद रखना,
रूह भी तेरी रोयेगी जब भी मेरा नाम आयेगा!
हर रोज के मिलने से
हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ??
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है|
तुम मेरे हाथ की
तुम मेरे हाथ की वो लकीर हो जो मेरे नसीब में नही|
खींच लेती है
खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ
आखरी बार उससे
तेरी जगह आज भी
तेरी जगह आज भी कोई
नहीं ले सकता..
खुबी तुझ में नहीं कमी मुझ में
है..
कहानीयो के हकदार
कहानीयो के हकदार नही,
इतिहास के वारसदार हैं हम !!
इश्तेहार दे दूँ
इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला!
तू जिंदगी को
तू जिंदगी को बस जी ले,
उसे समझने की कोशिश न कर..
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे,
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर..
कुछ बाते कुदरत पर छोड़ दे,
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर..
जो मिल गया उसी में खुश रह,
जो सकून छीन ले वो पाने की कोशिश न कर..
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा,
मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर…
अभी लिखी है
अभी लिखी है गज़ल तो अभी दीजिये दाद़
वो कैसी तारीफ जो मिले मौत के बाद..