चंद लफ़्ज़ों की

चंद लफ़्ज़ों की तक्कल्लुफ़ में ये इश्क़ रुक गया….
वो इंतज़ार पे रुके रहे और मैं इक़रार पे रुक गया ।।

एक था राजा

एक था राजा, एक थी रानी,
दोनों मर गए, खत्म कहानी

कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा !

अब भविष्य की सुनो

कोख से बेटी, धरती से पानी
दोनों मिट गए, खत्म कहानी………

उदास दिल है

उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँसकर..

यही एक अजब हुनर सीखा है
मैंने बहुत कुछ खो देने के बाद…

इतना क्यों चाहा

इतना क्यों चाहा तुमने मुझसे
मैं खुद से कितना दूर हो गया

जिन्दा रखने आशाए तुम्हारी
सब सहने को मजबूर हो गया

इस प्यार ने जीवन में मुझको
हरदम इतना तड़पाया है

जब चाह हुई है हँसने की
आँखों से पानी आया है.