बुलबुल के परो में बाज नहीं होते ,,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते,,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत,,
दोस्तों उन “सिरों” पर कभी “ताज” नहीं होते।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बुलबुल के परो में बाज नहीं होते ,,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते,,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत,,
दोस्तों उन “सिरों” पर कभी “ताज” नहीं होते।
घर की आग भी कितनी समझदार होती है…..
हमेशा बहु को लगती है बेटी को नहीं…
कुछ पल के लिए ही अपनी गोद में सुला लो ए जान,
आँख खुले तो उठा देना और ना खुले तो दफना देना…॥
जिंदगी ने मेरे मर्ज का एक बेहतरीन ईलाज बताया,
वक्त को दवा और ख्वाहिशों को परहेज बताया…॥
Kafi hud tak
Kamyab ho gye the
Tujhe bhulane
Me ….
Ek zara si barish ne
Phir wahin lakar
Chod diya…
शोहरत बेशक चुपचाप गुजर जाये
बदनामी कमबख्त बड़ा शोर करती है
बहुत भीड थी उनके दिल मे दोस्तो, हम खुद ना निकलते तो निकाल दिए जाते…!!!
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता”…
अंदाजा लगाओ मेरी मोह्हबत का इस बात से ही
तुम्हारे नाम का हर शख्स मुझे अच्छा लगता है .
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता !!
बेचारा दिल तुम्हारी खमोशी को इश्क समझ बैठा !!