उर्दू न समझी

उन्होंने उर्दू न समझी न पढ़ी
उनका उर्दू पे ये एहसान रहा
ऐसे हालात में कह पाना ग़ज़ल
यक़ीनन सख़्त इम्तेहान रहा

बर्फ से पुछा

कीसी ने बर्फ से पुछा की,
आप इतने ठंडे क्युं हो ?

बर्फ ने बडा अच्छा जवाब दिया :-

” मेरा अतीत भी पानी;
मेरा भविष्य भी पानी…”

फिर गरमी किस बात पे रखु ??

काश कही से

काश कही से मिल जाते वो अलफ़ाज़ हमे भी,
जो तुझे बता सकते कि हम शायर कम,
तेरे आशिक ज्यादा हैं…..!!

किसी को राह

किसी को राह दिखलाई
किसी का ज़ख्म सहलाया
किसी के अश्क जब पोंछे
तब इबादत का मज़ा आया|

घड़ी की फितरत

घड़ी की फितरत भी अजीब है, हमेशा टिक-टिक
कहती है,
मगर,…. ना खुद टिकती है और ना दूसरों को
टिकने देती है !

इश्क ओर दोस्ती

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है

छोटे से दिल में

छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है