इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी,
यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे…!!
Tag: व्यंग्य
हलचल नहीं करता..
बच्चे गरीब के फरमाइश इसलिए भी नहीं करते,
वे जानते हैं कि सूखा तालाब पत्थर फेंकने से हलचल
नहीं करता…!!!
इश्तिहार दे दो
इश्तिहार दे दो कि ये दिल ख़ाली है !
वो जो आया था किरायेदार निकला !!
आपकी खुशियों में
आपकी खुशियों में वो लोग शामिल होते है जिन्हें आप चाहते है
लेकिन,
आपके दुःख में वो लोग शामिल होते है जो आपको चाहते है
एक धोखे से
एक धोखे से हिल भी जाती है,
जमीन ऐतबार की साहिबा..
ज़िन्दगी तबाह करने के लिए
भूकंप आए जरूरी नहीं…!
बड़े होने के वहम
कुछ लोग तो बड़े होने के वहम में मर गए…
और..
जो लोग बड़े थे वो, अहम में मर गए …
एक तेरे सिवा
एक तेरे सिवा हम किसी और के कैसे हो सकते
है,
तु खुद ही सोच के बता, तेरे जैसा कोई और है
क्या..!!
हाथों में सिमट आई
खुशियों का पता,
दूर से हांफते हुए आते बच्चे ने
सरकारी नल से पी सकने जितना पानी पिया,
और गीले हाथों में सिमट आई खुशियों को मल लिया मैली कमीज़ पर…!!!
कुछ पेचीदा लफ्जों में
कुछ पेचीदा लफ्जों में, मैंने अपनी बात रखी..
जमाना हँसता गया, और जज्बात रोते गये…!
ना तुम बुरे सनम
ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम,
कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है….