ना थी जिसको मेरे प्यार की कदर..!!
ईतेफाक से उसी को चाह रहा था मे..!!…
Tag: व्यंग्य
उसी के बिना जीना..
क्या बताऊ कितना मुश्किल है जीना…
जिस के लिए जीना…उसी के बिना जीना…!!!
तनहा करने का
हम मोहब्बत को बेपर्दा नहीं करते उनकी रुस्वाई के डर से,
और वो समझते है की ये उनका हुनर है हमें तनहा करने का।
अल्फाजं मिटते गयें…!!
सारी रात तुम्हारी याँद में खत लिखते रहे….
पर दर्द ही कुछ इतना था की…अश्कं बहते रहें और अल्फाजं मिटते गयें…!!
mujhe bhi aata hai
Har shakhs mujhe zindagi jeene ka tareeka batata hai
Unhein kaise samjhaun ki
Ek khwaab adhoora hai mera
Warna jeena to mujhe bhi aata hai..!!
पहचान लेते हैं!
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ;
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं;
दुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते हैं;
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं!
हम भी कुछ कहते
मुद्दते हो गयी चुप रहते….!!!!
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते….
अच्छा लगता है।
हमें पता है,एक दिन दिल तोड़ दोगे तुम,
फिर भी दिल देना तुम्ही को अच्छा लगता है।।
सीने से लगाना है
छुना जुर्म है तो, मेरी फांसी का इन्तजामं करो…
दिल की जिदं है, आजं उसे सीने से लगाना है…!!
तेरा नाम जब लिखा
तेरे नाम से बढकर कहाँ..
कोई शायरी हुई..
तेरा नाम जब लिखा..
वाह-वाह मिली मुझे..