आपको कोई अच्छा इंजीनियर मिले तो बताना,
मुझे इंसान से इंसान को जोड़ने वाला पुल बनाना है।
Tag: वक्त शायरी
मैं अपनी चाहतों
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम
तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …
जब भी दर्द दिया
उसे पता था कि उसकी हसी मुझे पसन्द है..
इस्लिये उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराकर दिया..!!
मफलर उलझ गया
देखो तो इक पहाड़ से
कंकड़ उलझ गया
जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया
हिम्मत को
उसकी आप भी अब दाद दीजिए
लाखों के सूट बूट से मफलर
उलझ गया
तुम्हें ग़ैरों से कब
तुम्हें ग़ैरों से कब
फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना न
तुम ख़ाली न हम ख़ाली.
मैं डूबता हूँ
ना जाने किसकी
दुआओं का फैज़ है मुझपर,
मैं डूबता हूँ और दरिया उछाल देता है..
शर्म आती है
जब कभी खुद की
हरकतों पर शर्म आती है …..
चुपके से भगवान को भोग खिला देता
हूँ …..
दिल किसी से
दिल किसी से तब ही लगाना जब दिलों को पढ़ना सीख लो, हर एक चेहरे की फितरत मैं वफादारी नहीं होती.
कैसा है ये इश्क
कैसा है ये इश्क और कैसा हैं ये प्यार ,जीते-जी जो मुझ से , तुम दूर जा रहे हो..
जिसे मौका नही मिला
कौन है इस जहान मे जिसे धोखा नही मिला,
शायद वही है ईमानदार जिसे मौका नही मिला…