उनकी गलियों में सफाई अभियान जरा ध्यान से चलाना यारों
शायद बिखरे सपनों के मलबे के साथ
मेरे दिल के टुकड़े भी मिले..
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करीब आओगे
करीब आओगे तो शायद हमें समझ लोगे…,
ये फासले तो ग़लतफ़हमियां बढ़ाते है..
पूरी शिद्दत से
जो भी सोचा ,पूरी शिद्दत से किया
मैखाने से कभी मैं ,अपने पैरों पे नहीँ लौटा ,.,!!
दीवाना गलियों में
कोई दीवाना गलियों में सेर गुनगुनाता फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर
दुश्मन के सितम
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है…
परवाह ना कर
तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर
हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवां तुझको ।।
इल्म के दीवाने
हम मदरसे से अगर गुज़रे तो बच्चों ने कहा ,ये वहीँ हैं जो बिना इल्म के
दीवाने हुए
ज़रा बर्बाद है
किस ने कहा ,किस से कहा ,ये सब कहाँ अब याद है ….दिल ही ज़रा
बर्बाद है,बाकी तो सब आबाद है ….
मेरे पास ही था
मेरे पास ही था उनके ज़ख्मों का मरहम…
मगर…
बड़े शहरों में कहाँ छोटी दुकान दिखाई देती है ।।
सफर में साथ
सफर में साथ चलने की किसी से जिद नहीं करता,
मुझे तुम छोड़़कर उस मोड़ पर आगे निकल जाना !!