किसी ने घड़े से पूछा, कि तुम इतने ठंडे क्यों हो. …..
अति अर्थ पूर्ण उत्तर था घड़े का ;
जिसका अतीत भी मिट्टी,
और भविष्य भी मिट्टी, उसे गर्मी किस बात पर होगी. …….!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी ने घड़े से पूछा, कि तुम इतने ठंडे क्यों हो. …..
अति अर्थ पूर्ण उत्तर था घड़े का ;
जिसका अतीत भी मिट्टी,
और भविष्य भी मिट्टी, उसे गर्मी किस बात पर होगी. …….!!!
लाखों ठोकरों के बाद भी संभलता रहूँगा मैं..
गिरकर फिर उठूँगा, और चलता रहूँगा मैं…
गृह-नक्षत्र जो भी चाहें लिखें कुंडली में मेरी..
मेहनत से अपना नसीब बदलता रहूँगा मैं…
बडा अजीब सा खौफ़ था उस शेर की
आंखों मे.,
जिसने जंगल मे हमारे जुतों के निशान देखे…!!!!
बीता हुआ कल जा चुका है, उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ
आने वाले कल का पता नहीं, इंतजार में ही खुश हूँ
किसी ने गालिब से पुछा
कैसे हो ?
गालिब ने हंस कर कहा-
जिन्दगी में गम है,
गम में दर्द है,
दर्द में मज़ा है. .
और ..
मजे में हम हैं ।
बड़ी चाहत होगी आखों में उसकी,
यूही दिल किसी की नहीं सुनता।।।।
किस्सा-ए-उल्फ़त बड़ी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा बस किसी की बात मानी है
कोई सिखा दे हमें भी
वादों से मुकर जाना
बहुत थक गये हैं,निभाते निभाते.
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर ज़रा बेरुख़ी से पेश आ,
मैं इसी नज़र से तबाह हुआ हू मुझे देख न यूँ प्यार से…
तुम बदले तो मज़बूरिया थी ,
हम बदले तो बेवफा हो गए ……