करके हम यकीन गले लगाया था
हमे क्या पता वो हमसे रंजिश रखते है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
करके हम यकीन गले लगाया था
हमे क्या पता वो हमसे रंजिश रखते है|
कभी कभी बहुत सताता है
यह सवाल मुझे,
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हम मिले ही क्यूं थे
जब हमें मिलना ही नहीं था..
चल पड़ी है दुआएं मेरी अर्श की जानिब,
तुम बस मेरे होने की तैयारी करो..
लाजवाब है वो इंसान जो सदा हँसते है,
गम छुपाकर अपने औरों के दिल में बसते है !!
तुझसे बात करके ही चेहरे का रंग बदल जाता है
ओर लोग पूछते है दवा का नाम कया है…
चेहरे बदल-बदल कर मिलते है लोग मुझसे…. इतना बुरा सुलूक क्यूँ मेरी सादगी के साथ|
खता हो गयी तो,सजा सुना दो,दिल में इतना दर्द क्यूँ है,वजह बता दो,!देर हो सकती है,याद करने में जरुर,लेकिन तुम्हें भुला देंगे,ये ख्याल दिल से मिटा दो…।।
तबाह हूँ तेरे प्यार मे …तुझे दूसरों का ख्याल है..
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर …मेरी तो जिन्दगी का सवाल है..
मेरी जिंदगी में रहोगे तुम उमर भर… अब चाहे प्यार बन कर या रहो दर्द बन कर|
निगाह ए इश्क का अब क्या करे जनाब
जब भी देखा तुम्हे बेपनाह देखा|