अब डर लगता है मुझे उन लोगो से…
जो कहते है, मेरा यक़ीन तो करो…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब डर लगता है मुझे उन लोगो से…
जो कहते है, मेरा यक़ीन तो करो…!!
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है,
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चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए…
शायरी तभी जमती है महफ़िल में
जब कुछ पुराने शायर अपना नया तजुर्बा रखते है….
इम्तेहान तेरी तवज्जो का है अब ऐ शाकी
हम तो अब ये भी न बतायेंगे की हम प्यासे हैं
तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई,
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना |
मुझे तूं कुछ यूँ चाहिए……
जैसे रूह को शुकुन चाहिए.
चाँदी उगने लगी हैं बालों में
उम्र तुम पर हसीन लगती है|
सख़्त हाथों से भी छूट जाते हैं हाथ…. रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज़ से थामे जाते हैं ।
सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले,
हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया|
प्यार की फितरत भी अजीब है यारा..
बस जो रुलाता है उसी के गले लग कर रोने को दिल चाहता है