अब डर लगता है मुझे उन लोगो से…
जो कहते है, मेरा यक़ीन तो करो…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब डर लगता है मुझे उन लोगो से…
जो कहते है, मेरा यक़ीन तो करो…!!
सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ़ से, महलों की आरजू ये है कि बरसात तेज हो।
ना जाया कर मुझको
यूँ अकेला छोड़ कर…
सुबह शाम ही नहीं,
मुझे सारा दिन
तेरी जरूरत है……!!!
शतरंज में वजीर और ज़िन्दगी में ज़मीर,
अगर मर जाये तो खेल ख़त्म हो जाता है…..
कितनी मासूम सी है ख्वाहिस आज मेरी,
कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ !!
ख़ामियों को गिन रहा हूँ ख़ुद से रूबरू होकर …..
जो आईने से ज़्यादा अपनों ने बयाँ की हैं
कभी-कभी बहुत सताता है यह सवाल मुझे..
हम मिले ही क्यूं थे जब हमें मिलना ही नहीं था…
जिनको मिली है, ताक़त दुनिया सँवारने की…
खुदगर्ज आज उनका ईमान हो रहा है…!!
मोहब्बत करने वालों को वक़्त कहाँ जो गम लिखेंगे,
ए दोस्तों
कलम इधर लाओ इन बेवफ़ाओं के बारे में हम लिखेंगे…..
बिकती है ना खुशी कही,ना कही गम बिकता है…
लोग गलतफहमी में है की,शायद कही मरहम बिकता है..