जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है..!!
वरना…
अपना कहने वाले लोग तो याद
भी नही करते….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है..!!
वरना…
अपना कहने वाले लोग तो याद
भी नही करते….!
एक बुढा व्यक्ति अपना मोबाईल लेकर रिपेयरिंग की दुकान पर गया और दिखाया.
रिपेयरिंग वाले ने कहा: यह बिलकुल ठीक काम कर रहा है
वृद्ध की आखों में आंसू आ गये बोला : फिर इसमें मेरे बच्चो के फोन क्यों नही आते?
हम जिंदगी की भागदौड़ मे इतने लीन हो गए
पता ही नहीं चला गोलगप्पे कब 10 के तीन हो गए…
खुद पे नाज़ करना तुम्हारा हक़ है..,
क्योंकि…..
.
मैं तो नसीब वालों को ही
याद करता हूँ।
तेरी यादों की संदूक में …..
मैं दबा पड़ा हूँ
किसी पुराने खत की तरह !!
फिजाये जब झूमती है , ऐसा लगता है
तुमने मुझ पर इनायत कर दी है ।
प्रीत में तुम्हारे सजते है ,तो ऐसा लगता है
…. तुमसे मुहब्बत कर ली है ।
तेरा नशा इस कदर रच बस सा गया है
… मेरी रूह में , ऐ हमदम !
नाम तुम्हारा लेते है तो ,ऐसा लगता है
खुदा की इबादत कर ली है..
काश तुम भी हो जाओ
तुम्हारी यादों की तरह.
ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो,
…
अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर…!!
पैसौ की अमीरी तो आम बात है ..
दिल की अमीरी खुदा किसी किसी को देता है.
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझती रही,
नादान इतना नही समझी कि इश्क चेहरे से नही नजरों से शुरू
होता है..!!