एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा
रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा…
Tag: याद
तीर की तरह
तीर की तरह नुकीली हो गई है,
ज़िन्दगी माचिस की तिली हो गई है.!!
ख़ामोशी छुपाती है
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों ,
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से
होता है ..!!
रात भर भटका है
रात भर भटका है मन मोहब्बत के पुराने पते पे ।
चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला ।।
एक अरसे से
एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ ,
जिसे लोग करार कहते हैं …!!
कमाल की तक़दीर
कमाल की तक़दीर पायी होगी उस शख्स ने,
जिसने तुझसे मोहब्बत भी ना की हो और तुझे पा लेगा।।
खुद ही पलट लेता हूँ …
खुद ही पलट लेता हूँ …….. किताबे जिंदगी के पन्ने,
वो लोग अब कहाँ……. जो मुझमें, मुझे तलाशते थे|
क़दम उठे भी
क़दम उठे भी नहीं बज़्म-ए-नाज़ की जानिब,,,,,
ख़याल अभी से परेशाँ है देखिए क्या हो…..!!
तेरा यक़ीन हूँ
तेरा यक़ीन हूँ मैं कब से इस गुमान में था,
मैं ज़िंदगी के बड़े सख़्त इम्तिहान में था…..!!
क़िस्सा बन सकते थे
ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे, नहीं बने,
हम भी क़िस्सा बन सकते थे, नहीं बने….!!