यह दिलबरी,यह नाज, यह अंदाज, यह जमाल..
इन्सां करे अगर न तेरी चाह तो क्या करे..!
Tag: याद
मैं भी तेरे ईश्क में
मैं भी तेरे ईश्क में आतंकवादी बन जाऊ..
तुझे बांहो में ले के बम से उड़ जाऊ..
हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो मेरे होश ही उड़ा दिये
मेरा हाथ देख कर बोला….
तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी
लोग अजनबी थे
जिन्दगी के हिसाब किताब भी बङे अजीब थे
जब तक लोग अजनबी थे ज्यादा करीब थे
कभी बहकता हूं मैं….
मिलावट है उसके ईश्क मे ईत्र और शराब की
कभी महकता हूं, तो कभी बहकता हूं मैं….
ना ही काबिल हुए
ना तो अनपढ़ रहे-ना ही काबिल हुए,
.
हम खामखा ऐ जिंदगी तेरे स्कूल मे दाखिल हुए….
?
जी भरके प्यार करना
वो चाहते है जी भरके प्यार करना..
ओर हम सोचते है कि वो प्यार ही क्या जिससे जी भर जाये..
यादों की गर्दिशों में
निखरता जा रहा हूं तेरी यादों की गर्दिशों में…………!
सजा कर रखे हैं सब जख्म मैंने अपने……………
आगे निकल जाएँ
जिन्दगी में कितने भी आगे निकल जाएँ, “फिर भी सैकड़ों लोगों से पीछे रहेंगे!
“जिन्दगी में कितने भी पीछे रह जाएँ!
“फिर भी सैकड़ों लोगों से आगे होगें!
“अपनी जगह का लुत्फ़ उठाएँ!
“आगे पीछे तो दुनिया में चलता रहेग।
सदा मुस्कुराते रहिये
ज़िन्दगी सुकून से..
अब कटेगी ज़िन्दगी सुकून से….
अब हम भी मतलबी हो गए है…!!