बस मे होता गर हाल ए दिल बयाँ करना
तो कसम से हम आईने को भी रुला देते..!
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इश्क और क्रांति
जब इश्क और क्रांति का
अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है
भगत सिंह बन जाओ…..!!
Khaak ho jayenge
Hum jaante hain taghafful na karoge lekin
Khaak ho jayenge hum tumko khabar hone tak
आने में सदा
आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम..
जाते रहे हम जान से आते ही रहे तुम..!
तर न हो..!
आता है जज्बे-दिल को वह अन्दाजे-मैकशी..
रिन्दों में रिन्द भी रहें, दामन भी तर न हो..!
शम्अ का रंग
खूब इन्साफ तेरे अंजुमने-नाज में है..
शम्अ का रंग जमे खून हो परवाने का..!
धब्बा न लग जाये
कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर..
मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है..!
मैं तुझे बता दूँ
आ मैं तुझे बता दूँ, राजे-गमे-मुहब्बत..
एहसासे-आरजू ही, तकमीले-आरजू है..!
कांटा समझ के
कांटा समझ के मुझ से न दामन बचाइए..
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूँ..!
क्या सबूत दूँ
उसकी चाहत का मैं और क्या सबूत दूँ…
उसने लगाई भी बिंदी तो मेरी आँखों में देखकर…