मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें…
किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
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तेरा इश्क जैसे
तेरा इश्क जैसे प्याज था शायद।
परते खुलती गयी आँसू निकलते गये॥
चलो दौलत की
चलो दौलत की बात करते हैं,
बताओ तुम्हारे दोस्त कितने हैं….!!
सुनो…तुम्हारी दो बाहें
सुनो…
तुम्हारी दो बाहें मेरी जमीं…
तुम्हारी दो आँखें मेरा आसमान…
मैं तो हर पल
मैं तो हर पल ख़ुशी देती हूँ तुम्हें,
तुम ये गम लाते कहाँ से हो।।
मंजूर है तेरे
मंजूर है तेरे हर फैसले, दूर जाने की वजह.. कि मजबूरी होगी कोई तेरी,
आँसू पोंछ ले पगली, मैने कब कहा तेरी बात पर यकीऩ नहीं…
मैं तुझसे अब
मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगता ऐ ख़ुदा,
तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं।।
इश्क़ का कैदी
इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है,
छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।
बडे लोगों से
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजहां दरिया समन्दर से मिला,,,, दरिया नहीं रहता|
सब ही तारीफ़ करते हैं
सब ही तारीफ़ करते हैं मेरी तहरीरों की,
कभी कोई नहीं सुनता मेरे लफ़्ज़ों की सिसकियां |