कभी जिंदगी न मिले

करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले

हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले !!

ना जाने कैसे

ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिदगी,
आजकल, मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त
तीनो नाराज रहते है|

मिली है अगर

मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बन कर दिखाइये…
वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है|