जो सब्र के साथ इन्तजार करना जानते हैं,
उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है ।।
Tag: मौसम
भरे बाज़ार से
भरे बाज़ार से अक्सर मैं खाली हाथ लौट आता हूँ..
पहले पैसे नहीं हुआ करते थे, अब ख्वाहिशें नहीं रहीं….
You are truly mine
I want to go to sleep at night, wake up every day,
and breathe knowing you are truly mine…
चलो फिर से
चलो फिर से कहीं दिल लगा लेते हैं ,…
…
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं ।
मोहब्बत के ज़ख़्म
किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब,
मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…
मौसम फिर से
आज ये
मौसम फिर से करवा रहा है मुझसे शायरी…..!!
वरना इस दिल के
जज़्बातों को दबे तो ज़माना हो गया…..!!
किससे और कब
मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..!
ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता.
चांद की तरह
तू बिल्कुल चांद की तरह है…
ए सनम..,
नुर भी उतना ही..
गरुर भी उतना ही..
और दूर भी उतना ही.!.
मुसकुराहटे झुठी भी
मुसकुराहटे झुठी भी हुआ करती है,
देखना नहीं समझना सीखो…
कभी इतना मत
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए
जमाने की हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!