खुद को तराशते

उम्र जाया कर दी
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते…

इतना खुद को तराशते
तो खुदा हो जाते…

मौन तलाशते हैं

कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं हालात – ए ज़िदंगी से हमने
अब आकाश में मौन तलाशते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!