दौलत नही, शोहरत नही,न वाह चाहिए….
कैसे हो..??
दो लफ्ज की परवाह चाहिए…
Tag: मौसम
दिल पागल है
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है|
जिंदगी आसान बहुत हो गई
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें
जब से ये फर्क जाना, जिंदगी आसान बहुत हो गई|
तस्वीर रह गई
सिर्फ तस्वीर रह गई बाकी
जिसमें हम एक साथ बैठे हैं …॥
ना चाहते हुये भी
ना चाहते हुये भी साथ छोड़ना पड़ता है…
जनाब,मज़बूरी मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती है..!!
कुछ जख्म हैं
कुछ जख्म हैं कि दिखते नहीं,
मगर ये मत समझिए कि दुखते नहीं|
शिक़ायत करने जा रहा हूँ
डाकिये की शिक़ायत करने जा रहा हूँ मैं,
मेरे पते की ख़ुशियां कहीं और दे आया है|
अब क्या मुकाम आता है
देखिये अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से..
तहलील नहीं हो पाती
शायरी रूह में तहलील नहीं हो पाती
हमसे जज्बात की तशकील नहीं हो पाती
हम मुलाजिम हैं मगर थोडी अना रखते हैं
हमसे हर हुक्म की तामील नहीं हो पाती
आसमां छीन लिया करता है सारा पानी
आंख भरती है मगर झील नहीं हो पाती
रात भर नींद के सहरा में भटकता हूँ मगर
सुब्ह तक ख्वाब की तामील नहीं हो पाती
रात ही के किसी हिस्से में बिखर जाता हूँ
यास उम्मीद में तब्दील नहीं हो पाती |
तुम ने पढ़ा होगा गालिब
तुम ने पढ़ा होगा गालिब,
फ़राज़ और मीर को..
हमने तो साहब जिंदगी को पढ़ा है..