“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है”
किंतु
“जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है”
किंतु
“जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “
उस गरीब कि उम्मीदे भी क्या होगी….
जिसकी सांसे गुब्बारो मे बिकती है….
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
नहीं मांगता भगवान कि, जिंदगी सौ साल की दे…
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे..
जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता..
कही धोखे में आँखे है…कही आँखों के धोखे हैं..
घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए..
उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…
बदलता मौसम…..
बदलते रिश्ते….
और बदलते लोग……
दिखते भले ना हो ……
महसूस जरुर होते हैँ……
ना किसी से ईर्ष्या,
ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीले,
मेरी अपनी दौड़ !.
ये दुनिया वाले एक ख़ता के बदले,
सारी वफ़ाएँ भुला देते हैं ….
अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे.
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वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना
छोड़ दिया..