हालांकि मेरी माँ

हालांकि मेरी माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है

पर जिस

लड़की पर मै फ़िदा होता हूँ मेरी माँ एक नजर में बता देती है कि ये

चुड़ैल है..

प्रेम से देती है

प्रेम से देती है, वह है “बहन”
झगङकर देता है, वह है “भाई”
पुछकर देता है, वह है “पिताजी”
और बिना माँगे सबकुछ दे देती है
वह है…”माँ'”

माँ के प्यार में

दौलत छोड़ी दुनिया

छोड़ी सारा खज़ाना छोड़
दिया;
माँ के प्यार में दीवानों ने राज घराना

छोड़ दिया;
.
दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम अपनी माँ का;
मुसीबत

ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया।