यू गलत भी नहीं होती ,चेहरे की तासीर साहिब
लोग बैसे भी नहीं होते,जैसे नजर आते है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यू गलत भी नहीं होती ,चेहरे की तासीर साहिब
लोग बैसे भी नहीं होते,जैसे नजर आते है
Tum mere baad ho jaogi tanha sayad,
Magar Mai to tumhare sath bhi akela hun
कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई रूठे ना,
मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…!!!!
कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी
हो सकता है प्रेम,
कई बार प्रेम ही होता है,
जो पत्ती को डूबने नहीं देता..!!
लोग कहते हैं कि समझो तो..खामोशियां भी बोलती हैं..!
मै बरसों से खामोश हूं..और वो बरसों से बेखबर है..!!
सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो
मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..
बहुत खामिया निकालने लगे हो आजकल मुझमे,
..
आओ एक मुलाकात “आईने” से जरा तुम भी कर लो..।।
अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए..
कहीं ऐसा ना हो कि जिन्दगी की अच्छी चीजें,
आपकी जिन्दगी की सबसे अच्छी चीज को ख़त्म कर दे..
हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है,
दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए……!!