जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
Mere Saaray Sawal Honton Par…
Us Kay Saaray Jawab Aankhon Main…☆☆
Bad’ dua main wo hunar kahan
Allah ney jo duaon me namaza hai
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हें देखने की तो बस हसरत ही रह जाती।
रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर..
देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे..!!
मुझे देख के न मुस्कुरा
ज़रा मुस्कुरा के देख ले
अच्छी किताबें
और सच्चे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते
मैदान मोहल्ले का,
जाने कब से खाली खाली सा है
कोई मोबाइल शायद
बच्चों की गेंद चुराकर ले गया
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
कितने सालों के इंतज़ार का सफर_खाक हुआ ।
उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।!!