लफ़्ज लफ़्ज जिसका खुशनूमां बोलता हैं
समझ लो वोह शख्स उर्दू जुबां बोलता है
Tag: प्यारी शायरी
दिल की बातें
दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे
आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर
मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया….
अब जी के बहलने की
अब जी के बहलने की है एक यही सूरत बीती हुई कुछ बातें हम याद करें फिर से
शेर ओ रूमान
शेर ओ रूमान के वो ख़्वाब कहाँ हैं तेरे वो नुक़ूश-ए-गुल-ओ-महताब कहाँ हैं तेरे
ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा
ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद ….
सुनो यही तो
सुनो यही तो प्यार होता है ना
जब कोई जीने लगता हैं
किसी और के जिस्म में
रूह बनकर
ये जो ख़ामोश से
ये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं मैंने,
कभी ध्यान से पढ़ना, चीखते कमाल है।
वक्त की सीढ़ियों पे
वक्त की सीढ़ियों पे उम्र तेज चलती है
जवां रहोगे कोई शौक पाल कर रक्खो
इश्क़ का खेल
इश्क़ का खेल जवानी के लिए होता है
बूढ़े मुँह में मुँहासे नही होते !!