बड़ी अजीब सी

बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी उन्की …..!पहले पागल किया,फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया….!!

छू जाती है

छू जाती है वो मुझे कितनी ही दफ़ा ख्वाब बनकर….

ये दुनिया तो खामखां कहती है कि वो मेरे नसीब में नहीँ..!!

गुमसुम यादें

गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें ..
डरता हूँ, कैसे कटेगा, उमर है कोई रात नहीं ..