गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,…
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,..
.नदीयाँ की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,…
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,..
.नदीयाँ की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे!!
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में.
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ..
तो बहुत याद आएँगे हम|
वो भी एक वक्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी,
आज कोई तेरा नाम भी ले तो बात बदल देते है हम !!
पढ़ ले ना दिल का दर्द कहीं अल्फाज़ बदल लेते है हम
आंखों में नमी आ जाए तो आवाज़ बदल लेते हम!!!
समझदार ही करते है अक्सर गलतिया,
कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते..!!
ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर,
डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते !!