सिर्फ इतना उसे बता देना……!
मुझे आता नहीं भुला देना…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सिर्फ इतना उसे बता देना……!
मुझे आता नहीं भुला देना…
इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती,
आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…
अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे,
कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!
चोरी न करें,झूठ न बोलें तो क्या करें
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को…
मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी दुआओं के डाल दे ऐ दोस्त,
क्या पता तेरे लब हिलें,और मेरी तक़दीर संवर जाये…!!!
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ !!
ऐ खुदा…
एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला ..
अजीब हैं इस दुनिया का दस्तूर…
लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते,
जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं..!
न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है
वो किताब में एक चिट्ठी छुपा के निकली है|
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता
फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है|
मैं चरागों की भला कैसे हिफाज़त करता ,
वक़्त सूरज को भी हर रोज़ बुझा देता है..