हज़ार महफ़िलें हो, लाख मेले हो,
जब तक खुद से ना मिलो, अकेले ही हो।
Tag: प्यारी शायरी
जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं
जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं, अपना “गांव” छोड़ने को !!
वरना कौन अपनी गली में, जीना नहीं चाहता ।।
इश्क क्या जिंदगी देगा
इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्त…..
ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!
मसरूफियत में आती है
मसरूफियत में आती है बेहद तुम्हारी याद….!!और फुरसत में तेरी याद से फुरसत नहीं मिलती…..!!
मोहब्बत का शोक
मोहब्बत का शोक ना रखिए साहिब,
इसमें साँस आती नहीं और जान जाती नहीं…
बिना देखे इतना चाहते हैं
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको.
हमने सोचा था
हमने सोचा था दो चार दिन की बात होगी
पर तेरी यादों से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया…
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..दरीचे कितने रास्ते हे तुम आओ तो सही
कौन कहता है
कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है
लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है
तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है
देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है |
सुना है इस खेल में
सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं,
इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…