मेरी हर बात का जवाब रखते हो तुम
क्या साथ में कोई किताब रखते हो तुम
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी हर बात का जवाब रखते हो तुम
क्या साथ में कोई किताब रखते हो तुम
मैं बंद आंखों से उसको देखता हूं
हमारे बीच में पर्दा नहीं है|
ये सोच कर की शायद वो खिड़की से झाँक ले..
दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की..
लोगों ने मेरे आँगन से रास्ते बना लिए…
ज़िंदगी के दो पड़ाव
अभी उम्र नहीं है
अब उम्र नहीं है ।
जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का…
फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का…
तुझे पाना ही मेरी मोहब्बत नहीं है…तेरे अहसास भी मेरे जीने की वजह है ..
हर तकलीफ से इंसान का दिल दुखता बहुत है,..
पर हर तकलीफ से इंसान सीखता भी बहुत है….!!
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गयी है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
सागर का पानी घड़े में भरा नहीं जाता,
नाम दिल में हो तो खत में नहीं लिखा जाता