करता नही तुमसे शिकायत ये दिल मगर,
कहना ये चाहता है कि तुम वो नही रहे !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
करता नही तुमसे शिकायत ये दिल मगर,
कहना ये चाहता है कि तुम वो नही रहे !
मै उसे अपना समझता रहा,
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जो कभी मेरा था ही नही….
नींद को आज भी शिकवा है
मेरी आँखों से,
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मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले….!!
अगर मिल जाती खुशी दुनिया मे आसानी से,
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तो दिल की मुलाकात कभी दर्द से ना होती….!!
तू चेहरे पर बढ़ती सिलवटों की परवाह न कर,
हम लिखेंगें तुझे अपनी शायरी में हमेशा ही जवां…!!!
तेरी मौहब्बत से ले कर तेरे अलविदा कहने तक,
मैंने सिर्फ तुझे चाहा,
तुझ से कुछ नहीं चाहा |
देख ज़िन्दगी इस तरह ना रुला मुझे,
मै खफा हुआ तो छोड़ दूँगा तुझे भी…!!!
हैरान कर दिया उसने आँसुओं की वजह पूछ कर,
जो शक़्स कभी मुझको मुझसे ज़्यादा जानता था…!!!
कितनी मासूम सी है तमन्ना आज मेरी ,
कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ…..!!
बेरंग लिफाफों में लिपटे खत,खतों में लेखक के हिस्से हैं,
फाड़ कर फेंक देना इन्हें ये इश्क़ के झूठे किस्से हैं…!!!