“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है”
किंतु
“जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है”
किंतु
“जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “
हासिल करके मुहोब्बत तो हर कोई कर सकता है..
बिना हासिल किये किसी को चाहना कोइ हमसे पूछे..
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है…
उसने पूछा कि कौन सा तोहफा है मनपसंद,
मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है…
अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को,
जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
नहीं मांगता भगवान कि, जिंदगी सौ साल की दे…
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे..
प्यारीशायरी की कर के शायरी चोरी….
सच सच बताओ किसने कितनी फसाई है छोरी…
जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता..
कही धोखे में आँखे है…कही आँखों के धोखे हैं..