मुस्कुराकर फैर ली उसने नज़र,
रस्मे उल्फ़त यूँ निभाई और बस।
Tag: प्यार
हमे कहां मालूम था
हमे कहां मालूम था कि इश्क होता क्या
है…?
बस….
एक ‘तुम’ मिली और जिन्दगी….
मोहब्बत बन गई
आज एक दुश्मन ने
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा..
यार इतना मत मुस्कुराया कर , बुहत जलन होती है ..!!
मेला लग जायेगा
मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में…जिस दिन में चला जाऊंगा आसमान में….!!
सुनो तुम चाहो तो
सुनो तुम चाहो तो अपने हाथों से संवार देना
बाल बिखरा के भेजी है हमारी तस्वीर हमने|
मुझे लहज़े खफ़ा करते हैं
मुझे लहज़े खफ़ा करते हैं तुम्हारे, लफ़्जों के तो ख़ैर आदी है हम…
हमने रोना छोड़ दिया..!!
लोग आँसुओं से भी पढ़ न ले उनका नाम ,
.
बस इसी कशमकश में हमने रोना छोड़ दिया..!!
बहुत प्यार आता है
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर ……
वो मुस्करा कर बोले और तुम्हें आता ही क्या है…….
बीती जो खुद पर
बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ, मशवरे यूँ तो हम औरों को दिया करते थे
उसको बेवफा कहकर
उसको बेवफा कहकर अपनी ही नजर में गिर जाते है हम.
वो प्यार भी अपना था और वो पसंद भी अपनी थी|