कौन कहता है

कौन कहता है दुनिया में
हमशक्ल नहीं होते
देख कितना मिलता है
तेरा “दिल” मेरे “दिल’ से.!

मुझे इंसान को

मुझे इंसान को पहचानने की ताकत दो तुम….
या फिर मुझमें इतनी अच्छाई भरदो की….
किसी की बुराई नजर ही ना आये..