न जाने कब

न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….!
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वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!

मीठा बोलने वाले

मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी
भी डंख मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें…
बहुत मीठा बोलने वाले भी
‘हनी’ नहीं ‘हानि’ दे सकते है

जिंदगी बेवफा सी

पास रहकर, जुदा सी लगती है ,जिंदगी बेवफा सी लगती है..!!!

मै तुम्हारे बगैर भी जी लूँ , ये दुआ बद दुआ, सी लगती है .!!!

नाम उसका लिखा है आँखों में,आसुओं की ख़ता सी लगती है.!!!

वो भी इस तरफ से गुज़रा है, ये ज़मी आसमां सी लगती है .!!!

प्यार करना भी जुर्म है शायद आज, दुनिया खफ़ा सी लगती है .!!!

पास रहकर जुदा सी लगती है ,जिंदगी बेवफा सी लगती है ..!!!