तेरे चले जाने से,
मुझे ग़ज़लो का हुनर आया,
लिखा पहले भी बहुत,
पर असर अब आया..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे चले जाने से,
मुझे ग़ज़लो का हुनर आया,
लिखा पहले भी बहुत,
पर असर अब आया..!!
मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत,
खुद्दारी,
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर
गए…
आज तन्हा हुए तो एहसास हुआ
कई घंटे होते हैं एक दिन में ……..
हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है
कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे|
लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते
जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं…
उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं,
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं,
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने,
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं|
कहो तो थोडा वक़्त भेज दूँ…
सुना है , तुम्हे फ़ुरसत नहीं मुझे याद करने की
यूँ तो हमारे बीच …कोई दूरियां न थी.
हमारे बेरुखी ने… बीच मीलों फासले किये..
तू भेज रंग मुहब्बत
के वहाँ से
हम भीगेगे उस
बरसात में यहां से……
मुझमें डूबोगे नहीं तो भला जानोगे कैसे ?
दर्द का समुन्दर आखिर कितना गहरा है..