नासमझ और पागल ही प्यार करते है
बाक़ी सब तो समझोते और व्यापार करते है ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नासमझ और पागल ही प्यार करते है
बाक़ी सब तो समझोते और व्यापार करते है ।।
अब छोड़ो ये शराफत के किस्से,
दुनिया के दस्तुर और दिलों के हिस्से,
सब मुकद्दर के हाथों की कठपुतलियां हैं,
कभी तुम अच्छे कभी हम अच्छे!!!!
मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है
के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है
अपने कदमो के निशान अब मेरे रास्ते से हटा दो,,
कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं !!
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए
मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…?
जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
सुनो ये तमाम चेहरे तुम्हे गुमराह कर देंगें
तुम बस मेरे दिल में रहो ये दिल है तुम्हारा