ख्वाहिशों का बोझ

उनका कन्धा ना जाने ईश्वर ने कितना
मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों का बोझ उठाते हुए माँ
ने कभी उफ़ तक नहीं किया….

कोई चाहता है

हर कोई चाहता है कि सब उसकी
तारीफ़ करें

पर ?

यह इच्छा अंतिम संस्कार वाले दिन ही पूरी होती है