मै तो तेरे एहसास से ही महक गया…
खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मै तो तेरे एहसास से ही महक गया…
खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…
रात की झील में गोते लगाने चल दिए थे
तुम थी,
मैं था,
और एक जगमगाती कश्ती थी !
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं..
मुहोब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मैं..
हुस्न वालों का वजन ही इतना होता है
कि दिल में बैठाते ही दिल टूट जाता है |
न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….!
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वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!
मुझे किसी के बदल जाने का गम नही है,
बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी..!!
पानी मर्यादा तोड़े तो “विनाश”
“और”
वाणी मर्यादा तोड़े तो “सर्वनाश”
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी
भी डंख मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें…
बहुत मीठा बोलने वाले भी
‘हनी’ नहीं ‘हानि’ दे सकते है
वो मुझ से बिछड़ी तोह बिछड़ गयी ज़िन्दगी मुझसे,
मैं ज़िंदा तो रहा मगर जिन्दो में ना रहा………….
पास रहकर, जुदा सी लगती है ,जिंदगी बेवफा सी लगती है..!!!
मै तुम्हारे बगैर भी जी लूँ , ये दुआ बद दुआ, सी लगती है .!!!
नाम उसका लिखा है आँखों में,आसुओं की ख़ता सी लगती है.!!!
वो भी इस तरफ से गुज़रा है, ये ज़मी आसमां सी लगती है .!!!
प्यार करना भी जुर्म है शायद आज, दुनिया खफ़ा सी लगती है .!!!
पास रहकर जुदा सी लगती है ,जिंदगी बेवफा सी लगती है ..!!!