तुम याद आए

मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी ,

बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया.

इश्क़ ऐसा करो की

इश्क़ ऐसा करो की धड़कन मे बस जाए, साँस भी लो तो खुश्बू उसी की आए,

प्यार का नशा आँखों पे छा जाए, बात कुछ भी ना हो पर नाम उसी का आए !

क्या मालूम था

मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै हमे..
क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के..